August 15, 2010

"कलिंग" - श्रीकांत वर्मा

"कलिंग"

केवल अशोक लौट रहा है
और सब
कलिंग का पता पूछ रहे हैं

केवल अशोक सिर झुकाये हुए है
और सब
विजेता की तरह चल रहे हैं

केवल अशोक के कानों में चीख
गूँज रही है
और सब
हँसते-हँसते दोहरे हो रहे हैं

केवल अशोक ने शस्त्र रख दिये हैं
केवल अशोक
लड़ रहा था।

[ रचनाकार: - श्रीकांत वर्मा ]

No comments:

Post a Comment