July 22, 2013

"सूरज के घोड़े" - वृन्दावनलाल वर्मा

"सूरज के घोड़े"

सूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैं।
टापों की खटकार सुनाकर तम को मार भगाते हैं
कमल-कटोरों से जल पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं
सूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैं।

[ रचनाकार: - वृन्दावनलाल वर्मा ] 

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